RBI ने कर दिया ऐलान, नहीं घटाया रेपो रेट, EMI में कोई बदलाव नहीं

RBI Governor Sanjay Malhotra: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रेपो दर को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
RBI on Repo Rate August 2025: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रेपो दर को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। लगातार तीन बार कटौती के बाद इस बार ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया। इस साल की शुरुआत में आरबीआई का गवर्नर बनने का बाद संजय मल्होत्रा का रेपो रेट पर यह चौथी बार नीतिगत बयान है। इस साल अब तक तीन बार रेपो रेट में कटौती की जा चुकी है, उसके बावजूद घर खरीदारों और बैंक से लोन लेनेवालों को राहत की फिर से उम्मीद थी।
ब्याज दरों में नहीं बदलाव
इससे पहले आरबीआई की तरफ से इस साल फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान पहली बार लोगों को राहत थी। इसके बाद रेपो रेट 6.25 प्रतिशत हो गया था। इसके बाद फिर से अप्रैल के महीने में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई। और फिर जून में अप्रत्याशित रुप से केन्द्रीय बैंक 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, जिसके बाद रेपो रेट 5.5 प्रतिशत हो गया था।
RBI गवर्नर ने महंगाई पर क्या कहा?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कोर महंगाई अभी लगभग 4 फीसदी के आसपास स्थिर है। लेकिन RBI का कहना है कि कारोबारी साल की आखिरी तिमाही (Q4FY26) में महंगाई में बढ़त देखने को मिल सकती है।
GDP वृद्धि 6.5% रहने का अनुमान
GDP Growth पर अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त वर्ष 2026 में GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। वहीं पहली तिमाही पर 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। दूसरी तिमाही पर 6.7 फीसदी, तीसरी तिमाही पर 6.6 फीसदी और चाथी तिमाही पर इसे 6.3 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
साल 2025 में अब तक तीन बार की जा चुकी रेपो रेट में कटौती
रिजर्व बैंक की तरफ से इस साल रेपो रेट में तीन बार कटौती की जा चुकी है। पहले फरवरी में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई. इसके बाद अप्रैल में भी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई। फिर जून में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई। यानी कि साल 2025 में रेपो रेट में अब तक 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की जा चुकी है। अभी रेपो रेट 5.5 परसेंट है। अगर इस बार रेपो रेट को 5.5 परसेंट पर स्थिर रखा जाता है, तो रेपो रेट से जुड़ी EBLR में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, ऋणदाता MCLR से जुड़े लोन से जुड़े अपने ब्याज दरों में संशोधन कर सकते हैं।